यह बड़े आश्चर्य की बात है कि जन सुचना तो हिंदी में प्रकाशित की गयी पर नगर निगम के नगर नियोजन विभाग के दफ्तर में लगे नक्शों में अंग्रेजी में लिखा हुआ था. वह सहायक नगर नियोजक ही कुछ जानकारियां दे रहे थे. जिन नगर सलाहकारों ने नक्सें बनाये थें उनका कोई भी प्रतिनिधि वहा नहीं था जिससे की और ज्यादा और बेहतर जानकारी पायीं जा सकती थी. जैसा की जन सुचना में वर्णित था कि नगर निगम के कार्यं के स्वागत कक्ष में अन्य जानकारिय व् नक़्शे मौजूद होंगे पर वैसा नहीं था. स्थानीय क्षेत्र योजना बन गया पर बहुत से लोगों को यह पता भी नहीं चला. स्थानीय लोगो को इस जोयना सम्बंधित सुझाव के लिए कोई विशेष प्रबंध नहीं किया गया. नक्शें के अलावा कोई भी दस्तावेज लोगो को देखने व् समझने के लिए नहीं रखा गया हुआ था. आप के इन्टरनेट पे लिखे नोटिस में यह कहा गया है कि यह नवीनीकृत प्लान पर्दार्शिक दस्तावेज होगा पर अभी तो आप केवल नक्सा ही दिखा रहे है वो भी उन्हें जो जागरूक है और नगर निगम ऑफिस आने में सक्षम है. क्या आप ने उन दूर दराज के लोगों (जैसे नरेला) के बारे में नहीं सोचा कि वे कैसे इस जन भागीदारी वाले प्रक्रिया में शामिल हो पाएंगे.
किसी भी योजना में लोगों कि भागीदारी के लिए चार स्तर होतें है. जो कि निम्लिखित है.
- सुचना
- विचार विमर्श
- विश्लेषण व् समस्या का निदान
- प्रभाव अवं असर
जब जन भागीदारी कि प्रथम कड़ी या स्टार पर ही लोग भाग नहीं ले पाएंगे तो क्या लगता है आपको की आने वाले आगले स्तर में लोग कैसे भाग लेना चाहेंगे. आधार नक्सा बनाने के समय भी नगर पार्षदों की सहमती लेना था पर आगामी नगर निगम के चुनाव के कारन स्थगित कर दिया गया. सह्भागिदारों की भी विचार विमर्श होने का प्रावधान था पर कुछ नगर सलाहकार ही इस प्रकिया को कराया था. बाकि ने नगर निगम की चुनाव की संवेदनशीलता देखते हुए इसे स्थगित कर दिया.
जन भागीदारी की प्रक्रिया में यूँ ही बाधाएं आएँगी तो ये जन भागीदारी की प्रकिया क्या कभी सफल हो पाएंगी?
शशिकांत निशांत शर्मा